गली मोहल्ले में फिरने से अच्छा 25000 की मशीन से हर दिन 1200 कमाओ – Small Business Idea

Small Business Idea : आजकल नौकरी मिलना आसान नहीं है अगर आप कम पढ़े लिखे हैं तो फिर तो नौकरी की उमीद ही छोड़ दें। क्योंकि नौकरी के क्षेत्र में इतना अधिक कॉम्पिटिशन है कि कुछ पूछो ही नहीं। ऐसे में जो युवा कम पढ़े लिखे हैं वह बेरोजगारी की स्थिति में गली मोहल्ले में फिरते रहते हैं इससे अच्छा है कि वह नया बिजनेस शुरू करें। इसलिए आज हम बेरोजगार युवाओं के लिए Small Business Idea लेकर आए हैं। यह बिजनेस कम लागत में शुरू किया जा सकता है जबकि आपकी रोजाना की कमाई लगभग 1200 रुपये आराम से हो जाएगी। आइए बिजनेस क्या कैसे करना है सब कुछ बताते हैं।

Small Business Idea: इस बिजनेस से हर रोज 1200 से कमाएं

प्लास्टिक के प्रदूषण के खतरों के साथ-साथ सुरक्षित और पर्यावरण योग्य विकल्पों की तलाश में, सरकारों ने पिछले कई सालों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदियों का प्रस्ताव दिया है। इसके परिणामस्वरूप, सिंगल यूज प्लास्टिक को भी धीरे-धीरे बंद करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। हालांकि, अब ऐसे प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप, लोग नए प्रयोगशील और पर्यावरण सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। इस संदर्भ में, कुल्हड़ एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। कुल्हड़ एक पारंपरिक भारतीय खादी बर्तन है जिसे मिट्टी से बनाया जाता है और यह अधिकतर खाद्य पदार्थों को सेवन करने के लिए उपयुक्त होता है। इसका उपयोग प्लास्टिक के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है, जिससे प्लास्टिक के प्रदूषण को कम किया जा सके। कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय एक रोचक और संघटित विकल्प हो सकता है, जो आपको मामूली लागत में पैसे कमाने का अवसर प्रदान कर सकता है। इस व्यवसाय के लिए आपको महज 50,000 रुपये की मामूली लागत की आवश्यकता होती है, जिससे आप माटी या मिट्टी की कुल्हड़ तैयार कर सकते हैं।

सरकार करेगी सहयोग

कुल्हड़ों की मांग में वृद्धि और सरकार की वित्तीय सहायता के संदर्भ में, कुल्हड़ व्यवसाय को नया जीवन मिल रहा है। कुल्हड़ों के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है, और इससे श्रमिकों को रोजगार की संभावनाएँ भी बढ़ रही हैं। कुल्हड़ में चाय पिलाने का व्यापार अनेक स्थानों पर विस्तार पाया है, जैसे कि बाजार, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, नाके-नाके, सड़कों के किनारे, और एयरपोर्ट तक।

इस समय, सरकार ने इलेक्ट्रिक कुल्हड़ों के निर्माण की प्रोत्साहना करने के लिए चाक मशीनों की प्रदायक की है। इससे कुल्हड़ों की निर्माण प्रक्रिया सुगम और तेजी से संभव हो रही है। पिछले वर्ष, केंद्र सरकार ने लगभग 25,000 लोगों को इलेक्ट्रिक चाक मशीनें देकर कुल्हड़ निर्माण के लिए सहायता की थी।

कुल्हड़ बनाने की प्रोसेस

कुल्हड़ बनाने के लिए आपको कच्ची मिट्टी की मात्रा की आवश्यकता होती है, जो आस-पास की नदियों या झीलों के किनारों से प्राप्त की जा सकती है। इसे मिट्टी की उचित मिश्रण बनाने के लिए पानी के साथ मिलाकर गारा जाता है।

तैयार मिट्टी का मिश्रण साँचे में डालकर उसकी आकृति के अनुसार ढलाने के बाद, आपको उसे सुखाने के लिए धूप में रखना होगा। धूप से मिट्टी सखी होकर पकी हुई बन जाती है, जिससे कुल्हड़ का निर्माण होता है।

एक बार जब कुल्हड़ तैयार हो, तो आपको उसे पकाने की आवश्यकता होती है। आप उसे एक छोटी भट्टी में रखकर पका सकते हैं, जिससे कुल्हड़ की मजबूती बढ़े ताजी इसे इस्तेमाल में लाया जा सके। इसके बाद, आप तैयार कुल्हड़ को बाजार में बेच सकते हैं।

कुल्हड़ बिजनेस से कमाई

वर्तमान में भारतीय बाजार में कुल्हड़ की मांग की विशेषता उसकी मूल कीमत पर आधारित है, जो प्रति क्विंटल 150 रुपये है। हालांकि, प्लास्टिक के प्रतिबंध लगने से कुल्हड़ की मांग में एक वृद्धि की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप कुल्हड़ की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।

वर्तमान में विभिन्न प्रकार के कुल्हड़ की विशेष मांग और मूल्य अलग-अलग हैं। उदाहरण स्वरूप, दूध के कुल्हड़ की मूल्य 100 रुपये प्रति सैकड़ा है, जो उसकी विशेष मांग के साथ जुड़ी हुई है। वैसे ही, कप और चाय के कुल्हड़ की कीमतें विभिन्न हैं – कप की कीमत 150 रुपये प्रति सैकड़ा है और चाय के कुल्हड़ की कीमत 50 रुपये प्रति सैकड़ा है। इसके अलावा ऐसे और बिजनेस आईडिया जानकारी के लिए हमारे ग्रुप से जुड़ सकते हैं।

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