Weather News : भारत के मौसम विभाग ने तेज बारिश के मद्देनजर कई राज्यों के लिए को अलर्ट दिया है। इस समय बंगाल की खाड़ी से लेकर उड़ीसा के तटीय इलाके तक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे पूर्वी भारत में भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, पश्चिमी विझोभ भी आया है जिसके कारण बारिश के जोर और बढ़ गये हैं। इन दोनों मौसमी प्रक्रियाओं के मिलने से चक्रवाती परिसंचरण तंत्र बन गया है, जिस कारण कई राज्यों भारी बारिश की सम्भावना दिखाई दे रही है।
Weather News: भारी बारिश को लेकर नया व ताजा समाचार
इन दिनों देश के कई राज्यों में भारी बारिश की घटना हो रही है। शुक्रवार को भारतीय मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए बारिश से जुड़े मामूली या गंभीर आगाही दी है। मौसम विभाग ने बताया है कि दिल्ली-एनसीआर में 28 जुलाई से शुक्रवार से लेकर 1 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। इस अवधि में लगभग सामान्य बारिश के साथ तेज़ हवाओं की भी संभावना है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में आगामी तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वहां अधिक से अधिक वर्षा के साथ आंधी और तूफ़ान जैसी प्राकृतिक आपदा की संभावना है।
अगले चार दिन उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी
पहाड़ी राज्यों में, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में, आगामी चार दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही, पूर्वोत्तर भारत में भी 30 जुलाई तक मध्यम से लेकर कुछ-कुछ भारी बारिश की आशंका भी है। यह सूचना भारी बारिश के संभावित होने की वजह से आईएमडी द्वारा जारी की गई है। उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 26 से लेकर 29 जुलाई तक भारी बारिश के अनुमान हैं। विशेषकर शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार होने के कारण अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड में भी शुक्रवार को बारिश के आसार हैं।
वर्तमान में, भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी से लेकर उड़ीसा के तटीय इलाके तक कम दबाव का क्षेत्र उत्पन्न हुआ है। इसी के साथ, पश्चिमी विझोभ ने अपनी गति को बढ़ा दिया है जिसके कारण चक्रवाती परिसंचरण तंत्र तैयार हो गया है। इस परिसंचरण तंत्र के कारण विभिन्न राज्यों पर इसका असर देखा जा रहा है। इस स्थिति के मुताबिक, आने वाले 24 घंटों में बंगाल और उड़ीशा राज्य में जबरदस्त बारिश होने की बहुत अधिक संभावना है। इसके साथ ही, इस चक्रवाती परिसंचरण के कारण पश्चिमी भारतीय राज्यों में भी बारिश और बढ़ी हुई हवाओं की संभावना है। लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जा रही है, ताकि इस तबाही आवेग के साथ निपटने में मदद मिल सके।