मोदी जी का एलान गांव वालों को 30% डिस्काउंट पर दिया जाएगा इंडेक्शन चूल्हा – Indexn Chulha Discount Yojana

Indexn Chulha Discount Yojana : हमारी भारत सरकार द्वारा देश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती रहती हैं। जिसमे से एक प्रधानमंत्री उज्वला योजना है। इसी योजना के श्रेणी में सार्वजनिक क्षेत्र की ईईएसएल कंपनी द्वारा एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान कम्पनी द्वारा खाना बनाने के लिए इंडक्शन चूल्हा और इंडक्शन प्रेशर कुकर की बिक्रियां की जाएगी। वो भी बाजार के दामों के मुकाबले काफी कम दामों में। तो आइए हम आपको इस स्कीम की संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक हमारे इस लेख में उपलब्ध कराते है।

ईईएसएल (EESL) कंपनी के बारे में-

EESL का पूरा नाम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज कम्पनी है। यह कंपनी एक सुपर एनर्जी सर्विस कंपनी है। जिसकी स्थापना 2009 में की गई थी। यह कंपनी बिल्डिंग, लाइटिंग, कृषि, स्मार्ट मीटर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी आदि के क्षेत्र में कार्य करती है। वही यह कंपनी उद्योगो, उपभोक्ताओं और सरकारों के ऊर्जा मामलों में निपुण तकनीकी के जरिए उनकी सारी ऊर्जा जरूरतों का प्रभावशाली आयोजन करती है। ईईएसएल कंपनी द्वारा ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए भी कई कार्यक्रम किये जा चुके है। जिनमे इमारतों को ऊर्जा दक्ष बनाने, स्मार्ट मीटर लगाने और एलईडी बल्ब बाटने के काम किये गए है।

जाने कैसे दिया जाएगा स्कीम का लाभ

इस कार्यक्रम का आयोजन ऐसे क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। जहां अभी तक एलपीजी गैस की सुविधा नहीं पहुंच पाई हैं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा ईईएसएल कंपनी को इस कार्यक्रम के लिए निर्देशित किया गया हैं। जिसके तहत बाजार की कीमत दरों के मुकाबले सस्ती दरों पर इंडक्शन चूल्हा और एंडक्शन प्रेशर कुकर का निर्यात इस कार्यक्रम में किया जाएगा। जिसमे इंडक्शन चूल्हे के दाम बाजार की कीमत से 20 से 30 फीसदी सस्ते होंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य खाना बनाने के इको फ्रेंडली तरीके को बढ़ावा देना है।

बिजली और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई

केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई। ऊर्जा दक्षता योजनाओं के जरिये बिजली की खफत में गिरावट लाने में काफी मदद मिली है। जिसमे इन योजना के तहत भारत में सालाना 52 खरब यूनिट बिजली की खपत देखी गई है। एक सर्वे के अनुसार इन ऊर्जा दक्षता स्कीमो के जरिए देश में सालाना 11,200 मेगावाट बिजली की मांग को कम करने में सहायता मिली है। और साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी यह कमी देखी गई है। जो कि 4.55 टन तक हैं।

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