गेंहू मक्का छोड़ो बल्कि इस औषधीय पेड़ की खेती से होगी तगड़ी कमाई बनोगे लखपति – Village Business

Village Business : अगर आप एक किसान है या खेती में रुचि रखते हैं लेकिन गेंहू मक्का की फसल कर परेशान हो गए है। क्योंकि गेहूं मक्का फसल में उतना ही मुनाफा मिलता है जिससे कि दो वक्त की रोटी खाई जा सके। अगर आप लाखों कमाने का सपना देख रहे है तो आज हम आपको एक ऐसे औषधीय पेड़ की खेती के बारे में बताने वाले हैं जो आपको आसानी से लखपति बना देगी।

Village Business: इस औषधीय पेड़ की खेती से होगी तगड़ी कमाई बनोगे लखपति

अर्जुन का पेड़, जिसे वैज्ञानिक नाम Terminalia arjuna से जाना जाता है, एक विशेष प्रकार का पेड़ है जिसे भारत के विभिन्न भागों में पाया जाता है। इसके विभिन्न भागों का उपयोग विभिन्न चिकित्सा और उपयोगिता के लिए किया जाता है, और इस पेड़ के औषधीय गुणों का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। इस पेड़ की छाल से काढ़ा बनाने का अंशिक इस्तेमाल बुखार और अन्य बाधाओं के इलाज में होता है, जिसमें यह शांति और राहत प्रदान करता है। इसके अलावा, यह पेड़ बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में भी सहायक होता है, जिससे दिल स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इस पेड़ की लकड़ी भी फर्नीचर बनाने के लिए उपयोगी होती है, जो कई लोगों के घरों में आकर्षक और दुर्दर्शनीय आवास का हिस्सा बनती है।

अर्जुन के पेड़ को उगाने के लिए, पहले इसके बीजों को 3-4 दिन तक पानी में डुबाकर रखना आवश्यक होता है। इन बीजों का अंकुरण 8 से 9 दिन में होता है, जब वे ठीक से फूटने लगते हैं। इसके बाद, आप इन अंकुरित बीजों को खेत में ले जाकर बुआई कर सकते हैं। अगर आप अर्जुन के पेड़ की सही ग्रोथ चाहते हैं, तो खेत में जलनिकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित करें। यह पेड़ गर्मियों में बेहतरीन रूप से विकसित होता है जब तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इसके लिए, आपको बलुई दोमट और जलोढ़-कछारी मिट्टी का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि ये मिट्टी पेड़ के लिए आदर्श होती है। ध्यान दें कि आपको इसे ऐसी जगह पर लगाना चाहिए जहां सीधी धूप प्राप्त होती है, ताकि पेड़ को उचित रूप से सूर्य की किरणें मिल सकें। इस प्रक्रिया का पालन करके, आप अर्जुन के पेड़ की सफल ग्रोथ प्राप्त कर सकते हैं।

कमा सकते हैं लाखों करोड़ों

यह पेड़ आमतौर पर 15-16 साल के अंदर बन जाता है, लेकिन इसका मुनाफा उसकी बड़ी और आकर्षक छाल के बजाय में होता है। अर्जुन के पेड़ की लंबाई 12 मीटर और मोटाई 89 मीटर तक जा सकती है, जिससे यह एक आकर्षक पेड़ बन जाता है। इसकी छाल, जो बाजार में हजारों रुपये प्रति किलो में बिकती है, वनस्पति औषधियों और औद्योगिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। फर्नीचर मार्केट में इसकी लकड़ की मांग हमेशा बनी रहती है, क्योंकि अर्जुन की लकड़ स्ट्रोंग, ड्यूरेबल, और बेंडर-रेसिस्टेंट होती है। इसका उपयोग फर्नीचर, बिल्डिंग मैटेरियल्स, और अन्य उत्पादों के निर्माण में होता है, जिससे इसकी मांग हमेशा बढ़ती रहती है। इसलिए, एक एकड़ में अर्जुन के पेड़ लगाकर आप लंबी अवधि में लाखों-करोड़ों रुपये का मुनाफा बना सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top