ये स्कीम है कमाल 1.5 लाख के निवेश के बदले मिलेंगे 4.48 लाख – Sarkari Yojana

Sarkari Yojana : भारत सरकार ने बेटियों के आर्थिक और सामाजिक उन्नति के लिए विविध सरकारी योजनाओं की शुरुआत की है। इन योजनाओं का उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और विवाह जैसे महत्वपूर्ण जीवन पड़ावों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इन योजनाओं के माध्यम से, माता-पिता अपनी बेटियों के नाम पर धन संचय कर सकते हैं, जिससे उनकी उच्च शिक्षा और विवाह की आर्थिक जिम्मेदारियों को बिना किसी वित्तीय बाधा के पूरा किया जा सकता है। ऐसी ही एक योजना जिसके तहत खाता खुलवाकर फंड जमाकर मैच्युरिटी के तौर पर 4.48 लाख प्राप्त कर सकते हैं।

Sarkari Yojana: 1.5 लाख के निवेश के बदले मिलेंगे 4.48 लाख

सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की एक प्रशंसनीय पहल है जो बेटियों के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत, माता-पिता केवल 10,000 रुपये के प्रारंभिक निवेश के साथ एक खाता खोल सकते हैं, और 15 वर्षों के निरंतर निवेश के बाद, यह राशि बढ़कर 4.48 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। यह योजना विशेष रूप से बेटियों के लिए उनके माता-पिता द्वारा शुरू की जाती है और इसका मुख्य लाभ उनकी उच्च शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक आधार सुनिश्चित करना है।

कितना मिलेगा ब्याज

सुकन्या समृद्धि योजना, जो कि भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण बचत योजना है, ने निवेशकों को 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर का आकर्षक विकल्प प्रदान किया है। यह योजना विशेष रूप से बालिकाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन की गई है, जहाँ खाता खोलने की आयु सीमा को 10 वर्ष से कम रखा गया है। खाता खोलने के बाद, निवेशक को निर्धारित पंद्रह वर्षों तक इसमें धनराशि जमा करनी होती है। यह योजना संयुक्त खाते के रूप में कार्य करती है, जिसमें अभिभावक और बालिका दोनों का नाम शामिल होता है। 

यदि कोई अभिभावक 2023 में अपनी 5 वर्षीय बेटी के लिए इस योजना के तहत खाता खोलता है और प्रतिवर्ष 10,000 रुपये की राशि जमा करता है, तो मैच्योरिटी तक उसका कुल जमा 1.5 लाख रुपये हो जाएगा। इस जमा राशि पर अर्जित ब्याज की राशि 2,98,969 रुपये होगी, जो कि ब्याज दरों के अनुसार खाते में जुड़ जाएगी। अंततः, 2024 में जब खाता परिपक्व होगा, निवेशक को कुल 4,48,969 रुपये की राशि प्राप्त होगी। इस तरह यह योजना बालिकाओं के लिए शिक्षा और विवाह जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए एक सुरक्षित निवेश का जरिया बनती है, और इस पर कोई आयकर भी नहीं लगता है।

जाने स्कीम के फायदे

इस योजना के तहत, वार्षिक न्यूनतम योगदान मात्र 250 रुपये से आरंभ होकर, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि तक जमा की जा सकती है। इस योजना की अवधि 21 वर्षों की होती है, जो लंबे समय तक धन संचय करने का एक सुनिश्चित माध्यम प्रदान करती है। ब्याज की गणना का तरीका भी विशिष्ट है, जिसमें प्रत्येक माह की 5 तारीख और माह के अंतिम दिन के बीच की सबसे न्यूनतम बचत राशि पर ब्याज दर लागू की जाती है। इस ब्याज राशि को वित्तीय वर्ष के समापन पर खाते में जोड़ा जाता है, जिससे खाताधारकों की जमा राशि में वृद्धि होती है।

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