Personal Loan : जीवन में कई बार हमें आवश्यकता होती है किसी विशेष काम को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेने की। पर्सनल लोन एक प्रकार का ऋण होता है जिसमें एक व्यक्ति वित्तीय संस्था से एक निर्दिष्ट राशि की उधारी लेता है और उसे नियमित अंशों में चुकता करता है। पर्सनल लोन को लेते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान देना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते तो हो सकता आप बड़ी मुसीबत में फस जाएं या कर्ज में डूब जाएं। चलिए आपको वो चार महत्वपूर्ण बातें बताते हैं जो लोन लेते वक्त हर व्यक्ति को याद रखनी चाहिए।
सबसे पहले जाने नियम और शर्तें
जब आप किसी बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपको उनकी नियम और शर्तों को समझना महत्वपूर्ण होता है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके लोन लेने पर कोई छिपे शुल्क नहीं होंगे, जिन्हें हम “हिडन चार्ज” कह सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप लोन को पहले समय पर चुकता करना चाहते हैं, तो आपको यह भी जानना आवश्यक है कि ऐसे मामूली चार्ज जैसे “फोरक्लोजर चार्ज” का मूल्य क्या होता है।
हमेशा बैंक से लें लोन
लोन लेते समय हमेशा बैंक से ही लोन लेना बेहतर होता है। इसके कई कारण है। कई लोग वित्तीय संस्थाओं जैसे कि एनबीएफसी कंपनियों से लोन लेते हैं क्योंकि यह सामान्यत: जल्दबाजी में पैसे प्रदान कर सकती हैं और प्रोसेस में कम दिक्कतें हो सकती हैं। हालांकि, इसके साथ ही एनबीएफसी कंपनियां आमतौर पर बैंकों की तुलना में अधिक ब्याज दर पर ऋण प्रदान करती हैं। अगर आप समय पर लोन नहीं चुकाते तो कर्ज में डूब सकते हैं।
ब्याज दर की तुलना जरूरी
जब आप बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण होता है। इसलिए आपको सभी बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करना जरूरी है। बैंकों की ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि कुछ बैंक आपको अधिक ब्याज दर पर लोन प्रदान कर सकती हैं जबकि दूसरी बैंकें कम ब्याज दर पर लोन प्रदान कर सकती हैं। ब्याज दरों की तुलना करके आप यह जान सकते हैं कि कौनसी बैंक आपके लिए सबसे उचित है। ब्याज दर केवल एक पैमेंट नहीं होती, बल्कि आपके लोन की अवधि और उसकी शर्तें भी महत्वपूर्ण होती हैं।
ईएमआई पर ध्यान दें
जब आप एक ऋण लेते हैं, तो आपको आमतौर पर ऋण की राशि, ब्याज दर, और ऋण की अवधि के आधार पर मूलधन और ब्याज की योजना से ईएमआई (अनुदित मासिक भुगतान) देनी होती है। इसके द्वारा, आपका ऋण अनुभव सुविधाजनक भुगतानों में विभाजित हो जाता है। बैंक आमतौर पर आपके ऋण की अवधि को कुछ सालों में विभाजित करता है, जिससे आपकी मासिक ईएमआई योजना तय होती है। यह आपके वित्तीय स्थिति के आधार पर होता है ताकि आप अपने वाणिज्यिक और व्यक्तिगत आपूर्ति को बरकरार रख सकें। हालांकि, महत्वपूर्ण है कि आप ईएमआई की योजना को ध्यानपूर्वक चुनें। आपको उस योजना को चुनना चाहिए जिसकी भुगतान क्षमता आपके बजट में आती है। आपको ऐसा करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी मासिक आवश्यकताओं और वित्तीय लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है, ताकि आपके भविष्य की वित्तीय स्थिति पर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।